छोटे छोटे नन्हे कदमो को जिनने चलते देखा,
सपनो के महलो को भी उनने गिरते देखा ll
रोया तो दिल बहुत होगा उनका पर ,
फिर भी पहले बचो का सुख देखा ll
पर पूछो उनके दिलों से की कब कब उनकी आखे सोयी है ,
जब जब तुम रोये हो तन्हाई में ll
जिन्दगीं के सफ़र में जब दर्द तुम्हे हुआ कभी ,
सच यही है की उनकी अखे रोई है ll
सपनो के महलो को भी उनने गिरते देखा ll
रोया तो दिल बहुत होगा उनका पर ,
फिर भी पहले बचो का सुख देखा ll
पर पूछो उनके दिलों से की कब कब उनकी आखे सोयी है ,
जब जब तुम रोये हो तन्हाई में ll
जिन्दगीं के सफ़र में जब दर्द तुम्हे हुआ कभी ,
सच यही है की उनकी अखे रोई है ll
वे कौन? माता पिता? या अधूरे सपने?
ReplyDeleteInteresting.
Cheers
Blasphemous Aesthete
:).... thanks..... :)
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